मालवा:नगर के भ्याना मार्ग स्थित बड़ा तालाब किनारे दो हजार वर्ष से अधिक प्राचीन चमत्कारीक श्री चिंताहरण गणेश मंदिर की प्रतिमा है, जो भक्तों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षिक करती है। 18 वर्ष पूर्व यहां मंदिर का स्वरूप काफी छोटा था। जहां भक्तों की आस्था और विश्वास के साथ निर्माण प्रक्रिया शुरू की गई, जो आज विशालकाय आकार भी ले चुकी है। यहां दूर दूर से भक्त मनोकमना लिए आते है। और सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद यहां पुरी होती है।
गणेश उत्सव के दौरान यहां दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ने लगती है। ऐसी मान्यता है कि तालाब बनने के साथ 1000 वर्ष पूर्व इस मंदिर का निर्माण किया गया था। पिछले 19 वर्षों से यहां अखंड ज्योत भी जल रही है। अब मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तों का आना जारी है।
मंदिर के पुजारी के अनुसार जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां आता है और कामना करता है। भगवान उसकी हर मनोकामनाओं को पूर्ण करते है। मंदिर में हुई अनेक चमत्कारिक घटनाएं भक्तों को बरबस ही मंदिर की ओर आकर्षित करती है।
यहीं कारण है कि लगातार मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। गणेश उत्सव के दौरान प्रतिदिन सुबह और शाम गणेश जी की आरती की जाकर प्रसाद वितरण किया जाता है। नपा परिषद द्वारा यहां एक गणेश वाटिका का निर्माण भी करने के लिए पीआईसी की बैठक में प्रस्ताव किया है, जल्द ही यहां गार्डन के रूप में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। तालाब किनारे होने से इस मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती हैं और यहां जो भी भक्त आता है। वह शांति का अनुभव करता दिखाई देता है। चर्तुथी से चौदस तक यहां उत्सवों की धूम बनी रहती है
श्रद्धालुओं का कहना है कि दूर-दराज़ से लोग इस मंदिर में आते हैं और यहां अपनी मन्नत मांगते हैं जब उनकी मनोकामना पूरी होती है तो श्रद्धालु यहां अपनी मन्नत बढ़ाते हैं, प्रतिदिन यहां सुबह शाम भीड़ जमा होती है, यही नहीं मंदिर की पुरानी कहानियां मंदिर के आकर्षण का केंद्र है।
Discover more from Newzbulletin
Subscribe to get the latest posts sent to your email.