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Navratri 2022: ये हैं देवी दुर्गा के 9 नाम… जिनके जपने से बन जाते हैं बिगड़े काम

सोमवार, 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) शुरु हो चुके हैं। नवरात्रि (Navratra 2022) के पहले दिन प्रतिपदा पर घरों में घटस्थापना (Ghat Sthapna) की जाती है।

नवरात्रि (Navratri 2019) के पूरे 9 दिन माता के 9 रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इसके बाद प्रत्येक दिन देवी के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है।

नवरात्रि (Navratri 2022) के दिन 9 देवियों की पूजा का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं नौ देवियों का नाम (9 Names of Goddess Durga) और उनका उपासना में महत्व…

पहला दिन- मां शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होती है। शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री है। इनकी उपासना करने पर सुख और सिद्धि की प्राप्ति होती है।

दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दूसरे दिन माता भगवती के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तप किया था। इनकी उपासना से यश और सिद्धि की प्राप्ति होती है।

तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा

तीसरा दिन माता चंद्रघंटा के नाम होता है। शेर पर सवार मां चंद्रघंटा की उपासना करने पर परेशानियों और मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।

चौथा दिन- मां कूष्माण्डा

मां दूर्गा का चौथा स्वरूप मां कूष्माण्डा है। इनकी उपासना से आयु और यश में बढोत्तरी होती है।

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पांचवा दिन- मां स्कंदमाता

सभी तरह की इच्छाओं की पूर्ति के लिए मां दूर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा होती है।

छठा दिन- मां कात्यायनी

नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी के नाम होता है। ऐसी मान्यता है जिन लड़कियों की शादी नहीं होती है माता के इस स्वरूप की पूजा करने पर शादी की अड़चनें दूर हो जाती है ।

सातवां दिन- मां कालरात्रि

मां कालरात्रि की पूजा करने से काल और शत्रुओं का नाश होता है।

आठवां दिन- मां महागौरी

सौभाग्य की प्राप्ति के लिए नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की उपासना की जाती है।

नौवां दिन- मां सिद्धिदात्री

रूके हुए कामों को पूरा करने के लिए और सिद्धि प्राप्ति के लिए नवरात्रि के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।