Kartik Maas
Kartik Maas

कार्तिक मास (Kartik Maas 2022) हिन्दू पंचांग का महत्वपूर्ण महीना होता है। 10 अक्टूबर दिन सोमवार से शुरू हो रहा है, जो 08 नवंबर 2022 तक रहेगा। कार्तिक महीना त्योहारों और दान-पुण्य का महीना माना जाता है।

इस महीने (Kartik Maas 2022) कई धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम होंगे। इस महीने में खासतौर पर तुलसी और शालिग्राम की विशेष पूजा और आराधना की जाएगी। लेकिन इस महीने कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। ये नियम इस प्रकार हैं-

दीपदान

कार्तिक मास में दीपदान का महत्व धर्म शास्त्रों में भी बताया गया है। पुराणों के अनुसार इस माह दीपदान करने के माहतम्य के बारे में स्वयं भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को उन्होंने नारद जी को और नारद मुनि ने महाराज पृथु को बताया है। इसलिए इस माह में किसी नदी या पोखर में दीपदान अवश्य करें।

तुलसी पूजा

हिंदू सनातन धर्म में तुलसी पूजा का बहुत महत्व बताया गया है कार्तिक माह (Kartik Maas 2022) में तुलसी पूजन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि यह भगवान विष्ण को प्रिय हैं। इसलिए कार्तिक माह में नियमित रुप से तुलसी का पूजन करना चाहिए। इस माह में तुलसी दान करने का भी बहुत महत्व होता है।

सात्विकता

कार्तिक माह में भूमि पर शयन करने के नियम मुख्य माना गया है। भूमि पर शयन करने के मन में सात्विकता बनी रहती है। इसलिए इस माह भूमि पर ही शयन करना चाहिए।

शरीर पर तेल न लगाएं

कार्तिक माह में शरीर पर तेल लगाना वर्जित माना जाता है। कार्तिक माह में केवल नरक चतुर्दशी के दिन ही तेल लगा सकते हैं। इसलिए इस माह में शरीर पर तेल न लगाएं।

दलहन निषेध

कार्तिक मास में दलहन यानि दालों का सेवन निषेध माना गया है। इस माह में उड़द, मूंग, मसूर, मटर और राई आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

व्रत और तप का माह

कार्तिक मास व्रत और तप करने का माह माना गया है, इसलिए इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि ब्रह्मचर्य का पालन न करने पर अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।

मन पर नियंत्रण

यह माह तन और मन दोनों से संयम रखने का होता है। इसलिए इस माह में अपने मन को ईश्वर की भक्ति में लगाएं। किसी की निंदा न करें अपशब्द न कहें। मन पर नियंत्रण रखें, कम बोलें।

कार्तिक माह (Kartik Month 2022) में ये कार्य हैं वर्जित

  • कार्तिक माह में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करना इस महीने में वर्जित माना गया है। आप चाहें तो केवल नरक चतुर्थी वाले दिन तेल लगा सकते हैं।
  • इस महीने में उड़द, मूंग, मसूर, मटर, चना और राई जैसी चीजों को खाने की मनाही की गई है। इसलिए इनसे बचना चाहिए।
  • कार्तिक महीने में बैंगन, करेला, जीर और दही के सेवन को भी मना किया गया है। इसकी वजह ये यह महीना मौसम का संक्रमण काल है। ऐसे में ये चीजें खाने से शरीर को नुकसान हो सकता है।
  • कार्तिक माह को सनातन धर्म में बहुत शुभ माना गया है। इसी महीने दिवाली, धनरेतस, भाई दूज जैसे त्योहार आते हैं। इस महीने मांसाहार भोजन और मदिरा का सेवन वर्जित किया गया है।

कार्तिक माह (Kartik Month 2022) में ये कार्य जरूर करें

  • कार्तिक महीना पुण्य लाभ वाला होता है। ऐसे में इस पूरे महीने रोजाना शाम के वक्त तुलसी के पास दीप प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है।
  • यह महीना भगवान विष्णु की भक्ति वाला होता है। लिहाजा इस महीने संभव हो तो जमीन पर सोना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • कार्तिक माह में दीपदान का बहुत महत्व माना जाता है। आप किसी भी नदी या तालाब में आटे से बना दीप जलाकर प्रवाहित कर दें। इसका पुण्यफल मिलता है।
  • इस महीने में भगवा विष्णु और मां लक्ष्मी भक्तों पर जमकर अपनी कृपा बरसाते हैं। इसलिए इस पूरे महीने रोजाना सुबह 4 बजे उठकर गंगाजलयुक्त जल से स्नान करना चाहिए।
  • कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं और सबसे पहले तुलसी जी को पुकारते हैं। लिहाजा इस महीने सुबह-शाम विधिवत तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए।

सभी माह में है सर्वश्रेष्ठ

सनातन धर्म के प्रसिद्ध ग्रंथ स्कंद पुराण में कार्तिक माह (Kartik Month 2022) का उल्लेख किया गया है। उसमें इस माह को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ग्रंथ में कहा गया है कि जिस तरह गंगा के समान कोई और नदी नहीं और वेदों के समान दूसरा कोई शास्त्र नहीं, उसी प्रकार कार्तिक माह जैसा कोई दूसरा पवित्र माह नहीं है। पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस महीने नियमित पूजा-पाठ और तुलसी जी का वंदन करता है। उसे सारे सुखों की प्राप्ति होती है।


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