बरेली के आंवला में महाभारत (Mahabharat) कालीन अहिक्षत्र किले की खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग को गुप्त काल के समय की भगवान शिव (Lord Shiva) और विष्णु (Lord Vishnu) की आकृति वाली मूर्तियां मिली हैं।
खुदाई के दौरान भगवान शिव (Lord Shiva) और विष्णु (Lord Vishnu) की मूर्तियां खंडित हो गई हैं। मान्यता है यहां पर ऊंचे सा एक पहाड़ है, जिसे भीम गदा (Bhim Gada) भी कहा जाता है।
आंवला के रामनगर स्थित अहिक्षत्र के किले पर पहले भी कई बार पुरातत्व विभाग खुदाई कर चुका है। यहां समय समय पर खुदाई का कार्य चलता रहता है। पहले भी यहां कई मूर्तियां निकल चुकी है।
मान्यता है की अहिक्षत्र द्रोपदी का मायका है। पुरानी ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग गंभीर है। वर्ष 2014 में आर्कियोलॉजिकल पुरातत्व विभाग के डॉक्टर भुवन विक्रम के नेतृत्व में खुदाई का कार्य हुआ था।
2014 में आर्कियोलॉजिकल पुरातत्व विभाग के डॉक्टर भुवन विक्रम के नेतृत्व में खुदाई का कार्य हुआ था, कुछ समय चलने के बाद पुनः बंद करा दिया गया था। उस वक्त भी कई हजार वर्ष पुरानी सांस्कृतिक धरोहर निकली थी। संग्रहालय में उन मूर्तियों को रख दिया गया है।
उस वक्त भी कई हजार वर्ष पुरानी सांस्कृतिक धरोहर निकली थी। संग्रहालय में उन मूर्तियों को रख दिया गया है। भीम गदा का कार्य पूर्ण हो जाने पर अन्य नई जगह पर खुदाई कराई जाएगी।
भीम गदा का कार्य पूर्ण हो जाने पर अन्य नई जगह पर खुदाई कराई जाएगी। यहां पर गुप्त काल से लेकर ईसा पूर्व तक की वस्तुएं निकल रही है, जो मूर्ति निकली है वो 15 से 16 हजार वर्ष पुरानी बताई जा रही है। खुदाई के दौरान और भी मूर्ति निकलने की उम्मीद है।
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