आविष्कार विकास की जननी होती है, ऐसा आपने अक्सर सुना होगा। लेकिन इसे चरितार्थ किया है मध्यप्रदेश के धार के किसान विनोद चौहान ने। जिनके एक छोटे से प्रयोग ने उन्हें एक सफल किसान बना दिया और आज बह करोडो रूपये सिर्फ खेती-किसानी से कमाते है। तो आइये जानते है विनोद के संघर्ष की कहानी।
एक ही सीजन में किसान हुआ मालामाल
मध्यप्रदेश के धार के किसान विनोद चौहान सामान्य तौर पर पुस्तैनी खेती बाड़ी किया करते थे। कुछ दिनों पहले उन्होंने युटुब पर एक वीडियो देखा, काले गेंहू की खेती। उन्हें शुलाजपुर के किसान से प्रेरणा मिली, जिसने इसका बीज 200 रुपये प्रति किलो बेचा था। फिर क्या था, विनोद लग गए काले गेंहू की खेती करने के विचार में।
-ट्यूब पर इन्हें काले गेहूं की खेती के बारे में पता चला। इसके बाद विनोद ने कृषि विशेषज्ञों से सम्पर्क किया। फिर बीस बीघा से काले गेहूं की खेती की शुरुआत कर दी। इस बार विनोद ने परंपरागत खेती की बजाय लीक से हटकर खेती की। दरअसल, विनोद ने सामान्य गेहूं की बजाय काले गेहूं की खेती की, जिसने इनकी किस्मत बदल दी।
काला गेहूं बन गया सोना!
किसान विनोद चौहान ने अपनी 20 बीघा ज़मीन में काला गेहूं बोया था। जब फसल पककर तैयार हुआ तो विनोद चौहान की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने अपनी बीस बीघा जमीन में पांच क्विंटल काला गेहूं की बुवाई की थी। 2