Rishab Shetty Kantara 1 jpg
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‘केजीएफ’ के बाद अगर किसी फिल्म का खुमार सिने प्रेमियों पर देखने को मिल रहा है तो वह है कन्नड़ भाषा की फिल्म ‘कांतारा’ (Kantara)। यह फिल्म 30 सितंबर को रिलीज हुई थी, जिसे खूब तारीफें मिलीं।

साउथ में ‘कांतारा’ (Kantara) की सफलता और डिमांड को देखते हुए 14 अक्टूबर को इसे हिंदी में डब करके थिएटर्स में रिलीज किया गया, जिसे बेहद बढ़िया रिस्पॉन्स मिला। लेकिन ऋषभ शेट्टी नहीं चाहते कि ‘कांतारा’ को बॉलीवुड में रीमेक किया जाए। आखिर इसकी वजह क्या है?

‘केजीएफ’ के बाद Kantara ने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के लिए सफलता की नई इबारत लिखी है। इस फिल्म में Rishab Shetty ने न सिर्फ एक्टिंग की, बल्कि उन्होंने ही इसे डायरेक्ट किया और इसकी कहानी भी लिखी। ‘कांतारा’ ने हर भाषा में कमाई के मामले में कमाल कर दिया है। इसकी कमाई बॉक्स ऑफिस पर अभी भी जारी है।

ऋषभ शेट्टी अपनी इस फिल्म की ब्लॉकबस्टर सफलता से बेहद खुश हैं। उन्होंने ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में ‘कांतारा’ की सफलता से लेकर उससे जुड़े विवाद और दर्शकों से मिल रहे रिस्पॉन्स पर बात की। ऋषभ शेट्टी ने यह भी बताया कि वह क्यों नहीं चाहते कि ‘कांतारा’ का बॉलीवुड में रीमेक बने।

ऋषभ शेट्टी नहीं चाहते बने बॉलीवुड में बने ‘कांतारा’ का रीमेक

ऋषभ शेट्टी से पूछा गया था कि ‘कांतारा’ (Kantara) को हिंदी में डब किया गया। ऐसे में हिंदी में रीमेक का चांस नहीं है। लेकिन अगर इसे हिंदी में रीमेक किया जाता तो उन्हें क्या लगता है कि उनका किरदार कौन सा एक्टर निभा सकता था?

जवाब में ऋषभ शेट्टी ने कहा, ‘हिंदी में रीमेक नहीं बनेगा। इस तरह का किरदार निभाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी जड़ों और अपनी संस्कृति में विश्वास करें। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई बड़े एक्टर्स हैं, जिन्हें मैं बहुत पसंद करता हूं। लेकिन मैं नहीं चाहता फिल्म (कांतारा) का रीमेक बने। मुझे रीमेक्स में दिलचस्पी नहीं है।’

हिंदी मार्केट में इसलिए अच्छी चल रहीं साउथ की फिल्में

ऋषभ शेट्टी से जब पूछा गया कि साउथ की फिल्में हिंदी मार्केट में बेहद अच्छा परफॉर्म कर रही हैं। इसकी वजह क्या है? ऋषभ शेट्टी ने कहा, ‘यह एकदम सीजनल है। हर इंडस्ट्री उतार-चढ़ाव से गुजरती है। शायद दर्शक फिल्मों के बीच इस तरह से बटवारा नहीं करते कि ये बॉलीवुड की है या सेंडलवुड की। दर्शक इसे भारतीय सिनेमा के नजरिए से देखते हैं। ‘कांतारा’ कन्नड़ है, रीजनल है और भारतीय सिनेमा है। यही बात हिंदी सिनेमा पर भी लागू होती है। लोग अब भाषाओं के बंधनों को पार कर देश भर के कोने से कंटेंट देख रहे हैं। हर फिल्म इंडस्ट्री ने भारतीय सिनेमा में अहम योगदान दिया है।’

ऋषभ शेट्टी के गांव की कहानी है ‘कांतारा’!

ऋषभ शेट्टी ने बताया कि ‘कांतारा’ की कहानी असल में सच्ची कहानी है, जो उनके गांव की है। लेकिन कांतारा की दुनिया पूरी तरह से फिक्शनल है। बचपन से उन्होंने देव कोला देखा। जो भी चीजें उन्होंने देखीं, उन्हें फिल्म में दिखाया। ‘कांतारा’ को रिलीज हुए 31 दिन हो चुके हैं। इस फिल्म ने अब तक 226.31 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। हिंदी भाषा में भी इसकी बंपर कमाई जारी है।


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