Tax Exemption to Buy New Cars

Tax Exemption to Buy New Cars: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और फाइनेंस मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis) ने राज्य का बजट 2023-24 पेश किया। इस बजट में ऑटो सेक्टर से जुड़े कई बड़े अनाउंसमेंट भी किए गए हैं। जैसे राज्य में 5150 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का ऐलान किया गया। वहीं, 15 साल पुरानी गाड़ी के बदल नई गाड़ी खरीदने पर उस पर लगने वाले टैक्स में भी छूट दी जाएगी।

इस स्कीम (Tax Exemption to Buy New Cars) का फायदा व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत दिया जाएगा। वित मंत्री निर्मला सीतारमण भी इसका अनाउंसमेंट पहले कर चुकी हैं। इस स्कीम के तहत नई कार पर लगने वाले टैक्स में 25% की छूट दी जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार राज्यों को पुराने वाहनों को कबाड़ करने के लिए ‘कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम’ के लिए विशेष सहायता के तहत 2,000 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन का एलान कर चुकी है।

व्हीकल टैक्स पर 25% तक छूट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस बात का साफ कर चुका है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पुरानी गाड़ी किसी रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर पर कबाड़ में देता है, तो वहां से मिलने वाले स्क्रैप सर्टिफिकेट से नई गाड़ी खरीदने पर उसे टैक्स में भारी बचत (Tax Exemption to Buy New Cars) होगी। निजी इस्तेमाल के लिए नए पर्सनल व्हीकल पर ये छूट 25% तक होगी। जबकि कमर्शियल वाहनों पर ये 15% तक होगी। इतना ही नहीं, नई गाड़ी की कीमत पर भी 5% की छूट मिलेगी। सरकार का मानना है कि पुरानी गाड़ी के बदले टैक्स पर इतनी छूट देने से ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

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प्रदूषण रोकने में फायदा मिलेगा

सरकार के मुताबिक, व्हीकल स्कैप पॉलिसी से देश में नई गाड़ियों की मांग बढ़ेगी, तो कबाड़ से निकलने वाली धातु, रबर, कांच का पुन: इस्तेमाल बढ़ेगा और कच्चे माल की लागत कम होगी। इससे गाड़ियां सस्ती होंगी। वहीं पुरानी गाड़ी हटाने से लोगों को बेहतर माइलेज की नई गाड़ियां मिलेंगी। पुराने वाहनों से फैलने वाला प्रदूषण भी कम होगा। नई गाड़ियों में लोग नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकेंगे। ये पुरानी कारों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और एडवांस्ड हैं।

फिटनेस के आधार पर स्क्रैप किए जाएंगे वाहन

शुरुआत में कमर्शियल वाहनों को ऑटोमेटिड फिटनेस टेस्ट के आधार पर पर स्क्रैप किया जाएगा। जबकि प्राइवेट व्हीकल्स को दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के आधार पर स्क्रैप किया जाएगा। यह मापदंड जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसे देशों के आधार पर तय किए गए हैं।

ऐसी गाड़ियां जो फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाएंगी या जिनका दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, उनको ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल’ घोषित किया जाएगा। यानी ऐसी गाड़ियों को सड़क पर नहीं चलाया जा सकेगा। पॉलिसी में 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट पाने में विफल रहने पर डी-रजिस्टर करने का प्रस्ताव रखा गया है।


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