जर्मनी की खुदरा विक्रेता मेट्रो एजी भारत से कारोबार समेटने की तैयारी में है। दरअसल, मेट्रो एजी भारतीय सहायक कंपनी मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए किसी साझेदार की तलाश कर रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी है।
सूत्र ने कहा कि मेट्रो एजी अपनी भारतीय इकाई की प्रगति की समीक्षा करने के बाद अब रणनीतिक बाहरी गठजोड़ की तलाश कर रही है। इस बारे में बैंकरों के साथ कुछ चर्चा हुई है। आपको बता दें कि भारत में मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया के पास 30 से अधिक स्टोर हैं।
अंबानी-दमानी-टाटा से संपर्क: इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रो एजी ने हिस्सेदारी बेचने के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल, राधाकिशन दमानी की एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डी-मार्ट) और टाटा समूह से संपर्क किया है। इसके अलावा अमेजन, थाईलैंड के चारोन पोकफंड (सीपी) समूह, लुलु समूह और पीई फंड समारा कैपिटल से भी शुरुआती स्तर की बातचीत की गई है।
सूत्र के मुताबिक भारतीय व्यापार को अपना नेटवर्क बढ़ाने और अधिक स्टोर जोड़ने के लिए और अधिक निवेश की आवश्यकता है। वहीं, मेट्रो एजी के प्रवक्ता ने भी स्वीकार किया है कि कंपनी रणनीतिक विकल्पों की समीक्षा कर रही है।
मेट्रो एजी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट संचार) गेर्ड कोस्लोव्स्की ने कहा, ‘‘मेट्रो इंडिया एक बढ़ता हुआ व्यवसाय है, जिसमें थोक के लिए भारी संभावनाएं हैं। हम मेट्रो की मौजूदा थोक क्षमताओं को बढ़ाने और भारत में व्यापार वृद्धि में तेजी लाने के लिए संभावित भागीदारों के साथ विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं।’’
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