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Mukesh Ambani पर मेहरबान हुई मोदी सरकार, अब Z+ सुरक्षा घेरे में रहेंगे Reliance Industries के मालिक

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। MHA ने उन्हें Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी है। सिक्योरिटी पर आने वाले खर्च का भुगतान मुकेश अंबानी करेंगे। यह खर्च 40 से 45 लाख रुपए महीना होगा। इससे पहले उन्हें Z कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IB की सिफारिश पर गृह मंत्रालय (MHA) ने यह फैसला लिया है। IB ने मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) पर खतरे का अंदेशा जताया था।

मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की सिक्योरिटी ऐसे समय में बढ़ाई गई है, जब पिछले साल उनके घर एंटीलिया के बाहर एक संदिग्ध कार मिली थी, जिसमें जिलेटिन की 20 छड़ें पाई गई थीं। इसके अलावा उन्हें धमकी भरे कॉल भी मिलते रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दिनों से अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार विचार कर रही थी।

58 कमांडो करेंगे अंबानी की सिक्योरिटी

CRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और उनके परिवार की सिक्योरिटी में 24 घंटे तैनात रहेंगे। ये कमांडो जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। इस गन से एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं। बता दें कि Z+ सिक्योरिटी भारत में VVIP की सबसे हाई लेवल की सुरक्षा है, इसके तहत 6 सेंट्रल सिक्योरिटी लेवल होते हैं। पहले से ही अंबानी की सिक्योरिटी में राउंड द क्लॉक ट्रेंड 6 ड्राइवर होते हैं।

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मुकेश अंबानी के पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी रहेंगे

CRPF के अलावा मुकेश अंबानी के पास करीब 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के यानी निहत्थे होते हैं। उनके पर्सनल गार्ड्स को इजराइल स्थित सिक्योरिटी-फर्म ने ट्रेनिंग दी है। अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात ये प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स भी क्राव मगा (इजराइली मार्शल आर्ट) में ट्रेंड हैं। ये गार्ड्स दो शिफ्ट में काम करते हैं, जिनमें भारतीय सेना के रिटायर्ड और NSG के जवान भी शामिल हैं।

मुकेश अंबानी को Z+ और नीता अंबानी को Y+ सिक्योरिटी

मुकेश अंबानी को साल 2013 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से धमकी मिलने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने Z+ सिक्योरिटी मुहैया कराई थी। उनकी पत्नी नीता अंबानी को 2016 में केंद्र सरकार ने Y+ सिक्योरिटी प्रदान की थी। उनके बच्चों को भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से ग्रेडेड सुरक्षा दी जाती है। हालांकि बाद में मुकेश अंबानी से Z+ सुरक्षा छिन ली गई थी।

29 जून को अंबानी की सिक्योरिटी हटाने के खिलाफ दाखिल हुई थी याचिका

बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की Z सिक्योरिटी के खिलाफ विकास साहा नाम के शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में 29 जून को एक याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब करते हुए उस खतरे के आकलन की डिटेल मांगी थी, जिसके आधार पर अंबानी और उनके परिवार को सिक्योरिटी दी गई है। इससे नाराज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि किसी परिवार को दी गई सिक्योरिटी जनहित का मुद्दा नहीं है और अंबानी की सिक्योरिटी का त्रिपुरा से कोई लेना-देना भी नहीं है। जिसके बाद केंद्र सरकार को त्रिपुरा हाईकोर्ट से जारी निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को स्टे लगा दिया था।

2020 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी अंबानी की सिक्योरिटी से जुड़ी याचिका

ये पहली बार नहीं था जब मुकेश अंबानी की Z सिक्योरिटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई हो। इससे पहले नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को मिली Z सिक्योरिटी वापस लेने की मांग वाली एक याचिका खारिज कर दी थी।

फरवरी 2021 में एंटीलिया के पास विस्फोटक भरी कार मिली थी

फरवरी 2021 में एंटीलिया के बाहर से विस्फोटक से लदी एक SUV बरामद की गई थी, जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें और एक चिट्‌ठी मिली थी। चिट्ठी में मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को धमकी दी गई थी। इस केस में मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वझे का नाम आया था। अभी NIA इस केस की जांच कर रही है।

Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी पाने वाले देश के पहले बिजनेसमैन हैं मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में Z कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई थी। इसे अब Z+ कर दिया गया है। अंबानी को ये सिक्योरिटी खुफिया एजेंसियों के तरफ से उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई है। अंबानी को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से धमकी मिलने के बाद UPA सरकार ने 2013 में Z सिक्योरिटी देने का फैसला किया था।