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अडानी को ले डूबी हिडेनबर्ग की रिपोर्ट, 100 अरब डॉलर से ज़्यादा हुआ नुकसान

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट देखी गई है। हाल यह है कि अडानी की कंपनियों की कुल मार्केट कैप भी 100 अरब डॉलर से ज्यादा घट गई है। भारतीय शेयर बाजार पिछले पूरे हफ्ते स्थिर सा दिखाई दिया है।

अडानी संकट के कुछ दिन बाद से ही यह काफी हद तक स्टेबल है। भारत का प्रमुख बाजार सूचकांक एक साल पहले की तुलना में 2.5 फीसदी ऊपर है। जबकि यूएस स्टॉक्स इस अवधि में 4 फीसदी से अधिक टूटे हैं। अडानी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयर गिरावट के बाद अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) की नेटवर्थ भी आधी से कम रह गई है।

वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप 20 से भी बाहर हो गए थे। अडानी ग्रुप के कुछ शेयरों में रिकवरी देखने को मिली है। पिछले सप्ताह कई शेयरों में अपर सर्किट भी देखने को मिला था। इन शेयरों में निवेशकों को फायदा हुआ है। लेकिन कई शेयरों में निवेशकों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में भी इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है। अभी शेयर बाजार में भी अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है।

52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचे ये स्टॉक

अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों के शेयर गिरते-गिरते आज 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। इन शेयरों में अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) और अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) शामिल हैं।

इनके अलावा अडानी पावर (Adani Power) का शेयर भी पांच फीसदी गिर गया है। ग्रुप की दूसरी कंपनियों के शेयरों में भी अस्थिरता देखी जा रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। यह गिरावट अभी तक जारी है। अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर पांच फीसदी गिरावट के साथ 723.90 रुपये पर आ गया। यह इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर है।

पिछले साल 19 अप्रैल को यह 3,048.00 रुपये पर पहुंच गया था जो इसका एक साल का उच्चतम स्तर है। अडानी ट्रांसमिशन के शेयर की कीमत भी पांच फीसदी गिरावट के साथ 1186.15 रुपये रह गई है। इसका उच्चतम स्तर 4,238.55 रुपये है। यह शेयर पिछले साल 16 सितंबर को इस मुकाम पर पहुंचा था। अडानी टोटल गैस का शेयर भी बीते शुक्रवार को लोअर सर्किट पर पहुंच गया था। यह पांच फीसदी की गिरावट के साथ 1258.25 रुपये पर आ गया था। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 3,998.35 रुपये है।

लोन देने से कर दिया मना

हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) द्वारा अडानी पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाने के बाद के हफ्तों में कुछ बैंकों ने अडानी के शेयरों को गिरवी रखकर लोन देने से मना कर दिया था। वहीं, मूडीज ने शुक्रवार को अडानी के छह बांड्स पर अपने आउटलुक को कम कर दिया था, जिससे उन्हें ‘मुश्किल से निवेश’ ग्रेड मिली।

कुछ ने सावधानी से अडानी का बचाव किया है। उदाहरण के लिए, नॉर्वे के सॉवरेन वेल्थ फंड ने तीन अडानी शेयरों में अपनी होल्डिंग को एक साथ बेच दिया। जबकि गोल्डमैन सैश अडानी ग्रुप की सब्सिडियरी अडानी पोर्ट्स को ‘बाय’ रेटिंग दी है।