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Reliance Jio की अनुषंगी कंपनीReliance Projects and Property Management Services Limited (RPPMSL)ने अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस इन्फ्राटेल में लगभग 3,725 करोड़ रुपये में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

एनसीएलटी से मिली मंजूरी

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने नवंबर में आरपीपीएमएसएल को रिलायंस इन्फ्राटेल (आरआईटीएल) के अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी थी। आरआईएल ने शेयर बाजार को बताया कि आरआईटीएल ने गुरुवार को आरपीपीएमएसएल को 10 रुपये अंकित मूल्य के 50 लाख इक्विटी शेयर आवंटित किए।

 

इसके अलावा 372 करोड़ जीरो कूपन जारी किए गए, जो वैकल्पिक रूप से 10 रुपये मूल्य के ऋण पत्रों में पूरी तरह बदले जा सकते हैं। यह सौदा 3,720 करोड़ रुपये में हुआ।

 

हाल ही में खबर आई थी कि जर्मन फर्म मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Metro India) भारत से अपना बिजनेस बेचकर निकल जाएगी पर अब ये खबर सामने आ गई हैं क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (Reliance Retail) ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया है.

यह डील करीब 2850 करोड़ रुपये में हुई है. पिछले कई सालों से रिटेल सेक्टर में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशों में लगा हुआ है. इसी के तहत रिलायंस ने अब मेट्रो इंडिया का अधिग्रहण किया है. रिलायंस और मेट्रो इंडिया के बीच 22 दिसंबर को ये डील साइन हुई है. इसके तहत रिलायंस रिटेल की तरफ से मेट्रो इंडिया की 100 फीसदी इक्विटी का अधिग्रहण किया जा रहा है.

 

100 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी आ गई

शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ‘‘आरआईटीएल की मौजूदा चुकता इक्विटी शेयर पूंजी को रद्द कर दिया गया है। इसके बाद आरपीपीएमएसएल के पास आरआईटीएल की 100 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी आ गई है।’’ रिलायंस इन्फ्राटेल की मोबाइल टावर और फाइबर संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए रिलायंस ने एसबीआई एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा किए थे।


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