विमानन नियामक डीजीसीए ने बुधवार को कहा कि अगर कोई यात्री बार-बार चेतावनी देने के बाद भी फेस मास्क नहीं पहनता है उसे विमान से उतार देना चाहिए। एयरलाइंस को निर्देश देते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक सर्कुलर में कहा कि इसके अलावा, हवाईअड्डा संचालकों को स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेनी चाहिए और फेस मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए।
यह सर्कुलर 3 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद आया है। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हवाईअड्डों और विमान में मास्क लगाने तथा हाथ धोने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि कोविड-19 महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है और रह-रहकर सिर उठा रही है।
अदालत ने कहा कि कोविड-19 से बचाव से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ न सिर्फ मामला दर्ज होना चाहिए, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि ऐसे लोगों को ‘नो-फ्लाई’ (उड़ान निषेध) सूची में डाल देना चाहिए। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सख्ती जरूरी है।
मामले जरूर घटे हैं लेकिन नहीं टला है खतरा, मास्क पहनना ही बेहतर
DGCA के बुधवार के सर्कुलर में कहा गया है कि एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्री विमानों में ठीक से मास्क पहनें और उन्हें केवल “असाधारण परिस्थितियों में और अनुमत कारणों से” ही चेहरों से हटाया जाए। यदि किसी यात्री को अतिरिक्त फेस मास्क की आवश्यकता होती है, तो एयरलाइन को इसे प्रदान करना होगा। नोटिस में कहा गया, “एयरलाइन यह सुनिश्चित करेगी कि यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनियों के बाद भी उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसे प्रस्थान से पहले, यदि आवश्यक हो, तो विमान से उतार दिया जाना चाहिए।”
सर्कुलर में कहा गया है कि यदि कोई यात्री मास्क पहनने से इनकार करता है या उड़ान के बीच में बार-बार चेतावनी देने के बाद भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो उसे डीजीसीए नियमों में परिभाषित “अनियंत्रित यात्री” के रूप में माना जाना चाहिए। DGCA के नियम एयरलाइंस को यात्रियों को “अनियंत्रित” घोषित किए जाने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिबंधित करने का अधिकार देते हैं।
इसमें कहा गया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी बिना मास्क पहने परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं हो। सभी हवाईअड्डा संचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए घोषणाएं और निगरानी बढ़ानी चाहिए कि टर्मिनल पर यात्रियों ने फेस मास्क ठीक से पहना हो और हवाईअड्डा परिसर के भीतर हर समय COVID-उपयुक्त व्यवहार का पालन किया हो।
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