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दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल में बिना टिकट भी होगी एंट्री, जानें ओर मिलेंगी क्या-क्या सुविधाएं

अगले साल से दिल्ली से मेरठ का सफर सिर्फ 55 मिनट में सिमट जाएगा, क्योंकि रैपिड रेल का परिचालन शुरू हो जा रहा है। इस बीच नवंबर महीने में दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल का ट्रायल शुरू होना है, जिसके बात संबंधित विभाग की अनुमति मिलने के बाद इसका परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।

दिल्ली से मेरठ के बीच कुल 82 किलोमीटर लंबे रूट पर अगले साल की दूसरी छमाही शुरू होने से पहले ही रैपिट रेल चलनी शुरू हो जाएगी, जबकि इस कारिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) के बीच रैपिड ट्रेन का परिचालन मार्च 2023 से शुरू होना है। इसके लिए नवंबर, 2022 में ट्रायल शुरू हो जाएगा। यह भी बता दें कि 2025 तक पूरी तरह से परिचालन शुरू करने का लक्ष्य है।

दिल्ली मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल के एक कोच में कुल 75 यात्री बैठकर सफर कर सकेंगे, जबकि पूरी ट्रेन में अधिकतम 400 यात्री सफर कर सकेंगे। इसके अलावा रैपिड रेल अधिकतम 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी, जबकि इसकी रफ्तार औसतन 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।

दिल्ली मेरठ के बीच रफ्तार भरने वाली रैपिल रेल 55 घंटे के भीतर एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचेगी। इसकी खूबी यह भी है कि आपातकालीन स्थिति में रैपिड ट्रेन से मरीज को स्ट्रैचर पर अस्पताल ले जाया जा सकेगा। मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार, रैपिड रेल के प्रत्येक ट्रेन में कुल छह कोच होंगे। एक कोच में 75 यात्री यात्री कर सकेंगे, जबकि इनमें से एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। बता दें कि दिल्ली मेट्रो में भी एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होता है।

मिली जानकारी के मुताबिक, रेपिड रेल के अंतर्गत दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली ट्रेनों के भीतर एक बिजनेस क्लास कोच भी होगा। इस कोच में कई अतिरिक्त सुविधाएं भी होंगीं, जिसमें खान-पान का सामान उपलब्ध रहेगा। 82 किलोमीटर के लंबे सफर में लोग चाहें तो चाय के साथ खाने के सामान का भी लुत्फ उठा सकेंगे। इसके अलावा, रैपिड रेल के तहत चलने वाली प्रत्येक ट्रेन के भीतर भी प्रीमियम कोच में दरवाजे लगे होंगे। इसका लाभ यह होगा कि स्टेंडर्ड कोच के यात्री इसी श्रेणी के दूसरे कोच में तो आ जा सकेंगे, लेकिन प्रीमियम कोच में प्रवेश नहीं मिलेगा।

बिजनेस क्लास के कोच में दायें-बायें दो-दो सीट बैठने के लिए होंगी। इसके अलावा अन्य विशेषताओं में प्रत्येक ट्रेन के कोच में सीट के पास ही मोबाइल फोन चार्ज करने की सुविधा हो मिलेगी।

दिल्ली मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल कई तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। इसके तहत यात्रियों को ट्रेन के अंदर वाई-फाई सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त ट्रेन के प्रत्येक कोच में सामान रखने के लिए अलग से रैक लगी मिलेगी।

दिल्ली मेरठ के बीच बड़ी संख्या में लोग रोजाना सफर करते हैं। नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में रोजाना काम करने आने वालों की संख्या हजारों में है। इनके घर मेरठ, गाजियाबाद में हैं, इसलिए ये रोजाना अपने घर जाना पसंद करते हैं। इसका भी ध्यान विशेष रूप से रखा गया है। यही वजह है कि दिल्ली-मेरठ के बीच ट्रेन 5 से 10 मिनट के बीच मिला करेगी।

दिल्ली-मेरठ के बीच दौड़ने वाली मेट्रो रेल के जरिये दोनों शहरों के बीच की दूरी सिर्फ 55 मिनट की रह जाएगी। ऐसे में करीब-करीब 8 लाख यात्री रोजाना रैपिड रेल के जरिये यात्रा कर सकेंगे।

दिल्ली-मेरठ कारिडोर पर दौड़ने वाली रैपिड ट्रेन बेहद आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। रैपिड रेल में यात्री बिना टिकट और स्मार्ट कार्ड के भी सफर कर सकेंगे। जाहि है कि लोगों को न तो टिकट काउंटर की लाइन में लगने की जरूरत होगी और न ही नकद पैसा रखने की ही जरूरत होगी। दरअसल, ई टिकट का क्यू आर कोड स्कैन करके स्टेशन पर पहुंचकर सीधे ट्रेन में चढ़ा जा सकेगा। कुल मिलाकर इससे आपका समय बचेगा।

दिल्ली मेरठ के बीच सफर करने वाले यात्री अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करके यात्री अपना टिकट खुद से जेनरेट कर सकेंगे। इसके लिए एक ऐप तैयार किया जा रहा है। इस ऐप खोलकर उन्हें सिर्फ यह क्लिक करना होगा कि यात्रा कहां से कहां तक करनी है। ऐसा करते किराये के बारे में जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। इसके बाद जैसे ही पेटीएम या अन्य किसी माध्यम से इसका भुगतान होगा आपके मोबाइल पर ही क्यू आर कोड सहित ई टिकट आ जाएगा।

दिल्ली मेरठ के बीच दौड़ने वाली रैपिड रेल के लिए कुल 25 स्टेशन होंगे। सुविधा के तहत प्रत्येक रैपिड मेट्रो स्टेशन पर टिकट वेंडिग मशीन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। रैपिड रेल में इसमें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम है, जिससे बिजली पैदा होगी। रेल पूरी तरह से स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी) व स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) से संपन्न है।