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Adani ने 6.4 अरब डॉलर की डील फाइनल की, बेटे को सौंपी कंपनी की ज़िम्मेदारी

एशिया और भारत के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी (Gautam Adani) ने अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) और एसीसी (ACC) में होल्सिम (Holcim) की पूरी हिस्सेदारी खरीद ली है। यह डील करीब 6.4 अरब डॉलर में हुई है। इसके साथ ही अडानी ग्रुप एक झटके में ही देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट बनाने वाली कंपनी बन गई है।

गौतम अडानी(Adani)अंबुजा सीमेंट के चेयरमैन बने हैं जबकि एससीसी की जिम्मेदारी उन्होंने अपने बड़े बेटे करण अडानी (Karan Adani) को सौंपी है। एसीसी में कभी टाटा ग्रुप की भी हिस्सेदारी थी लेकिन 1999 में उसने अपनी हिस्सेदारी अंबुजा सीमेंट्स को बेच दी थी। दिलचस्प बात है कि अडानी ग्रुप हाल में टाटा ग्रुप को पछाड़कर देश का सबसे मूल्यवान बिजनस ग्रुप बन गया है।

एसीसी का रेवेन्यू 16,151 करोड़ रुपये का है। करण अडानी ऐसे समय इसकी कमान संभालने जा रहे हैं जब सीमेंट सेक्टर में काफी उथलपुथल मचने की उम्मीद की जा रही है। अभी आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट (UltraTech Cement) देश की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी है। लेकिन अडानी(Adani)ग्रुप के सीमेंट सेक्टर में उतरने से इसमें गलाकाट होड़ मचने की आशंका जताई जा रही है। अडानी ग्रुप ने 2030 तक देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह ग्रुप कई और छोटी कंपनियों का अधिग्रहण कर सकता है।

टाटा ने बेची हिस्सेदारी

माना जा रहा है कि 35 साल के करण अडानी ने अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के अधिग्रहण में अहम भूमिका निभाई है। अभी वह अडानी पोर्ट्स के सीईओ हैं और अब उन्हें 86 साल पुरानी कंपनी एसीसी को संवारने की जिम्मेदारी दी गई है।

नानी पालकीवाला और पलोंजी मिस्त्री जैसे कॉरपोरेट दिग्गज एसीसी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 1936 में दस सीमेंट कंपनियों ने मिलकर इसका गठन किया था। एक जमाने में टाटा की इसमें कुछ हिस्सेदारी थी। लेकिन टाटा ने 1999 में अपनी हिस्सेदारी अंबुजा सीमेंट्स को बेच दी थी।

अंबुजा सीमेंट्स की एसीसी में 54.5 फीसदी हिस्सेदारी है। अडानी परिवार कनवर्टीबल वारंट्स के जरिए अंबुजा सीमेंट्स में 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करना चाहता है। अभी अडानी ग्रुप की इसमें हिस्सेदारी 63.11 फीसदी है।

करण अडानी ने परड्यू यूनिवर्सिटी (Purdue University) से इकनॉमिक्स की डिग्री हासिल करने के बाद मुंद्रा पोर्ट के साथ अपना कॉरपोरेट करियर शुरू किया। आज अडानी ग्रुप के स्ट्रैटजिक डेवलपमेंट की जिम्मेदारी उनके पास है। वह ग्रुप की कई बिजनस का डे टु डे ऑपरेशंस देखते हैं।