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जो अंबानी नहीं कर पाए, उस काम को अडानी ने पूरा किया, अब समुद्र पर भी अडानी का राज

अडानी ग्रुप तेजी से बुलंदियों को छू रहा है, जिसके तहत जल्द ही उसका ‘राज’ समुद्र पर भी होने वाला है। कंपनी ने देश की सबसे बड़ी समुद्र सेवा कंपनी ओशन स्पार्कल लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने अपनी सहायक कंपनी अडानी हार्बर सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए एक निश्चित समझौता किया। ओशन स्पार्कल लिमिटेड (OSL) शुरू से अंत तक समुद्री सेवाएं प्रदान करने में भारत में प्रथम और दुनिया में 11वें स्थान पर है।

सीईओ ने कही ये बात

सीईओ ने कही ये बातAPSEZ के सीईओ और निदेशक करण अडानी ने कहा कि OSL और अडानी हार्बर सर्विसेज के तालमेल को देखते हुए बिजनेस बेहतर मार्जिन के साथ पांच वर्षों में दोगुना होने की संभावना है, जिससे APSEZ के शेयरधारकों को अच्छा फायदा होगा। ये अधिग्रहण ना केवल APSEZ को भारत के समुद्री सेवा बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रदान करता है, बल्कि हमें अन्य देशों में उपस्थिति बनाने के लिए एक मंच भी देता है।

1700 करोड़ है वैल्यू

अभी कंपनी द्वारा की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में टोवेज, पाइलटेज और ड्रेजिंग शामिल हैं। साथ ही 94 स्वामित्व वाले जहाजों के साथ OSL एक मार्केट लीडर है। अभी इसकी वैल्यू 1700 करोड़ रुपये है, जिसमें कंपनी का 300 करोड़ का फ्री कैश है। कंपनी के इतिहास की बात करें तो इसकी स्थापना 1995 में समुद्री टेक्नोक्रेट्स के एक ग्रुप द्वारा की गई थी। खबर है कि अधिग्रहण के बाद भी पी जयराज कुमार OSL बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे।

बिजनेस मॉडल को मिली मजबूती

वहीं OSL के अपने मौजूदा ग्राहकों के साथ 5 से 20 साल के अनुबंध हैं, इसमें औसत 7 साल का अनुबंध है। जिस वजह से अडानी ग्रुप को भविष्य में काफी फायदा होगा। इसके अलावा अनुबंध टेक या पे (TOPA) के आधार पर होते हैं, जिससे OSL के बिजनेस मॉडल को मजबूती मिलती है। कंपनी की भारत के सभी प्रमुख बंदरगाहों, 15 छोटे बंदरगाहों और सभी 3 एलएनजी टर्मिनलों में उपस्थिति हैं।