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चीन और पूर्वी एशियाई देशों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भारत में जनवरी में मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है। पिछली लहरों के दौरान देखे गए पैटर्न का हवाला देते हुए ये अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में जनवरी में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने और मौतों में वृद्धि की संभावना नहीं है।

जनवरी में आएगी कोरोना की चौथी लहर!
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा ‘हमने पिछली तीन लहरों के दौरान देखा है कि पूर्वी एशियाई देशों में रिपोर्ट की गई कोई भी वृद्धि यूरोप में लगभग 10 दिनों में, अमेरिका में 10 दिनों में और प्रशांत द्वीप देशों में अगले 10 दिनों में पहुंचती है। उछाल 30 से 35 दिनों में भारत पहुंचता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि लोग जनवरी के महीने में सतर्क रहें।’

देश में कोरोना के केस आज भी कम आए हैं। बीते 24 घंटों में देश कोरोना के 268 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कोरोना संक्रमण की वजह से किसी भी व्यक्ति की मौत की खबर नहीं है।

सरकार ने 24 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए रैंडम टेस्टिंग फिर से शुरू किए है। जिसमें पिछले तीन दिनों में लगभग 6,000 यात्रियों का परीक्षण किया गया। अधिकारियों के मुताबिक इनमें से 39 पॉजिटिव पाए गए हैं।

BF.7 वैरिएंट का संक्रमण बढ़ा रहा है
चीन मे कोरोना का कहर जारी है। लॉकडाउन में ढ़ील देने के बाद केस में काफी तेजी देखी गई। चीन के अलावा अमेरिका और जापान में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। जापान में बुधवार को कोरोना से 415 लोगों की मौत हो गई। इन देशों में ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BF.7 संक्रमण बढ़ा रहा है। ये सब-वैरिएंट कहीं ज्यादा संक्रामक है। इससे संक्रमित एक व्यक्ति 16 लोगों को संक्रमित करता है।

इन देशों के आने वाले यात्रियों के लिए टेस्ट जरूरी
इस बीच भारत ने चीन, जापान, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी कर दिया है। मंगलवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की जांच के लिए देशव्यापी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। ड्रिल में देश भर से 20,000 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं ने भाग लिया।


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